" दूर देश कू दर्द"
ग्यारह मार्च द्वी हजार ग्यारह,जै दिन,ऊगदा सूरज का देश,जापान मा,भूकंप अर सुनामिन,तबाह! करि सब्बि धाणी,मनख्यौं का मन मा,भौत दुःख अर कष्ट पैदा ह्वै,अपणा देश भारत मा,खास करिक उत्तराखण्ड मा,किलैकि, वख छन हमारा,भौत सारा प्यारा उत्तराखंडी,जू रोजगार करदा छन,दूर देश जापान मा,अर भौत प्यार करदा छन,अपणा जन्म स्थान,पराणु सी प्यारा उत्तराखण्ड तैं.
लगिं थै टक्क सब्यौं की,लंगि संग्यौं की, कै हाल मा होला,प्यारा प्रवासी उत्तराखंडी,जौंका कारण, "दूर देश का दर्द" सी,हमारू भिछ रिश्ता,किलैकि, मिनी जापान,घनसाली, टिहरी का नजिक छ, बल हमारा उत्तराखण्ड मा.
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