Wednesday, April 7, 2010

कोई दीवाना कहता है. कोई पागल समझता है. मगर धरती की बेचैनी, को बस बादल समझता है.मैं तुझसे दूर कैसा हूँतू मुझसे दूर कैसी है.यह तेरा दिल समझता है,या मेरा दिल समझता है.मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है,कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है.यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों मैं आंसू है,जो तू समझे तो मोती है,जो न समझे तो पानी है.समंदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता,यह आँसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता,,मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुनलेजो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता.या मेरा दिल समझता है

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