आदमी की जिंदिगी है आदमी के रिश्ते
आदमी के दिल में दर्द जागते है आदमी के रिश्ते
आदमी को पयार से जीना सिखाते है आदमी के रिश्ते
सिवा दर्द के कुछ भी तो नहीं देते है रिश्ते
मगर फिर भी जाने क्यों लगता है मुझको
आदमी को आदमी बनाते है आदमी के रिश्ते .
आदमी के दिल में दर्द जागते है आदमी के रिश्ते
आदमी को पयार से जीना सिखाते है आदमी के रिश्ते
सिवा दर्द के कुछ भी तो नहीं देते है रिश्ते
मगर फिर भी जाने क्यों लगता है मुझको
आदमी को आदमी बनाते है आदमी के रिश्ते .
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