Friday, December 17, 2010
Tuesday, October 26, 2010
Hamara Garhwal
The Land of Pauri Garhwal is blessed with splendid view of snow-bound peaks of Himalayas, scenic valleys & surround ings, meandering rivers, dense forests and hospitable people with a rich culture. Diverse in topography, the district of Pauri Garhwal varies from the foothills of the ‘Bhabar’ areas of Kotdwara to the soul-lifting meadows of Dhudatoli, sprawling at an altitude of 3,000 meters. Which remains snow-bound during the winter months. Filled with places of tourist interest, most locations in Pauri Garhwal offer a breathtaking view of the snow laden Himalayan Splendour..
District Pauri Garhwal which is surrounded by the districts of Chamoli, Nanital, Bijnor, Haridwar, Dehradun, Rudraprayag and Tehri Garhwal,offers a panoramic view of the great Himalayas form it's towns and villages. The majestic Himalaya and it's mountain range can be seen from anywhere in the district.The Pauri City which is situated at an altitude of 1814 Mts. above the sea-level on the northern slopes of Kandoliya hills is the headquarters of the District Pauri Garhwal and the Garhwal Division. Headquarters of all Govt. departments are located in the city Pauri .Pauri also provides a panoramic view of the snow covered Himalayan peaks of Nandadevi & Trisul,Gangotri Group,Thalaiya- sagar,Neelkanth, Bandar Poonch, Swarga-Rohini, Kedarnath, kharcha Kund, Satopanth, Chaukhamba, Ghoriparvat, Hathiparvat and Sumeru etc.
District Pauri Garhwal which is surrounded by the districts of Chamoli, Nanital, Bijnor, Haridwar, Dehradun, Rudraprayag and Tehri Garhwal,offers a panoramic view of the great Himalayas form it's towns and villages. The majestic Himalaya and it's mountain range can be seen from anywhere in the district.The Pauri City which is situated at an altitude of 1814 Mts. above the sea-level on the northern slopes of Kandoliya hills is the headquarters of the District Pauri Garhwal and the Garhwal Division. Headquarters of all Govt. departments are located in the city Pauri .Pauri also provides a panoramic view of the snow covered Himalayan peaks of Nandadevi & Trisul,Gangotri Group,Thalaiya- sagar,Neelkanth, Bandar Poonch, Swarga-Rohini, Kedarnath, kharcha Kund, Satopanth, Chaukhamba, Ghoriparvat, Hathiparvat and Sumeru etc.
Thursday, April 15, 2010
Garhwali youth ki sachaeeeeeee
खिला एक फूल फिर इन पहाडों में.
मुरझाने फिर चला delhi की गलियों में.
graduate की डिग्री हाथ में थामे निकल गया.
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया.......
खो गया इस भागती भीड़ में वो.
रोज़ मारा बस के धक्कों में वो.
दिन है या रात वो भूल गया.
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया......
देर से रात घर आता है पर कोई टोकता नहीं.
भूख लगती है उसे पर माँ अब आवाज लगाती नहीं.
कितने दिन केवल चाय पीकर वो सोता गया.
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया......
अब साल में चार दिन घर जाता है वो.
सारी खुशियाँ घर से समेट लाता है वो.
अपने घर में अब वो मेहमान बन गया
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया......
मिलजाए कोई गाँव का तो हँसे लेता है वो.
पूरी अनजानी भीड़ में उसे अपना लगता है वो.
गढ़वाली गाने सुने तो उदास होता गया..
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया......
न जाने कितने फूल पहाड के यूँ ही मुरझाते हैं..
नौकरी के बाज़ार में वो बिक जाते है.
रोते हैं माली रोता है चमन..
उत्तराखंड का फूल उत्तराखंड में महकेगा की नहीं...............?
Garhwali youth
मुरझाने फिर चला delhi की गलियों में.
graduate की डिग्री हाथ में थामे निकल गया.
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया.......
खो गया इस भागती भीड़ में वो.
रोज़ मारा बस के धक्कों में वो.
दिन है या रात वो भूल गया.
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया......
देर से रात घर आता है पर कोई टोकता नहीं.
भूख लगती है उसे पर माँ अब आवाज लगाती नहीं.
कितने दिन केवल चाय पीकर वो सोता गया.
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया......
अब साल में चार दिन घर जाता है वो.
सारी खुशियाँ घर से समेट लाता है वो.
अपने घर में अब वो मेहमान बन गया
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया......
मिलजाए कोई गाँव का तो हँसे लेता है वो.
पूरी अनजानी भीड़ में उसे अपना लगता है वो.
गढ़वाली गाने सुने तो उदास होता गया..
फिर एक uttrakhandi लड़का जिंदा लांश बन गया......
न जाने कितने फूल पहाड के यूँ ही मुरझाते हैं..
नौकरी के बाज़ार में वो बिक जाते है.
रोते हैं माली रोता है चमन..
उत्तराखंड का फूल उत्तराखंड में महकेगा की नहीं...............?
Garhwali youth
Wednesday, April 7, 2010
आंखी बाठु दिखणी छन,
वी कू दिल मा आणा कू,
जणदू छो की व नि आली,
पर किया कन ये पराण कू ,
is my own line about her but i am still wating
जाणी कुजणी कखा बट्नी ए होली खुद तेरी ,
खुद तेरी ,
मीठी मीठी सी किकोली लगे गे गोली मा हों हों हों हों**************************हिचकियों से एक बात का पता चलता है,कि कोई हमे याद तो करता है,बात न करे तो क्या हुआ,
कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती,
हर बात समझाने के लिए नही होती,याद तो अक्सर आती है आप की,
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती
वी कू दिल मा आणा कू,
जणदू छो की व नि आली,
पर किया कन ये पराण कू ,
is my own line about her but i am still wating
जाणी कुजणी कखा बट्नी ए होली खुद तेरी ,
खुद तेरी ,
मीठी मीठी सी किकोली लगे गे गोली मा हों हों हों हों**************************हिचकियों से एक बात का पता चलता है,कि कोई हमे याद तो करता है,बात न करे तो क्या हुआ,
कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती,
हर बात समझाने के लिए नही होती,याद तो अक्सर आती है आप की,
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती
कोई दीवाना कहता है. कोई पागल समझता है. मगर धरती की बेचैनी, को बस बादल समझता है.मैं तुझसे दूर कैसा हूँतू मुझसे दूर कैसी है.यह तेरा दिल समझता है,या मेरा दिल समझता है.मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है,कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है.यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों मैं आंसू है,जो तू समझे तो मोती है,जो न समझे तो पानी है.समंदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता,यह आँसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता,,मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुनलेजो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता.या मेरा दिल समझता है
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