Friday, December 17, 2010

जिंदगी का सबसे बड़ा सच यही है.. जो अक्सर कबरिस्तान के बाहर बोर्ड पर लिखा होता है."मंजिल तो यही थी, बस जिंदगी गुज़र गयी मेरी यहाँ आते आते

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